चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोनावायरस अब अमरीका, मध्य-पूर्व, यूरोप, एशिया और लातिन अमरीका के कुल 40 देशों में फैल चुका है.
ये पहला मौका है जब कोरोनावायरस चीन के आंतरिक इलाकों से कहीं ज़्यादा तेज गति से दुनिया के दूसरे देशों में फैल रहा है.
यूरोपीय देश इटली में कोरोनायरस से संक्रमित लोगों की संख्या चार सौ हो चुकी है. बीते एक दिन में संक्रमण के 80 नए मामले सामने आए हैं.
इटली के अलावा कोरोनावायरस ने यूरोप के नॉर्वे, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, ग्रीस, क्रोएशिया, स्विट्जरलैंड, जिऑर्जिया, उत्तरी मेसेडोनिया और स्पेन में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं.
मध्य पूर्व के देशों में ये वायरस ईरान, इराक़ समेत कई अन्य देशों में फैल चुका है.
वहीं, एशिया-प्रशांत महासागर क्षेत्र के देशों में कोरोनावायरस दक्षिण कोरिया में तेजी से फैल रहा है.
दक्षिण कोरिया में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले 1595 हो चुके हैं.
लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण से निपटने के लिए दुनिया के देश क्या कर रहे हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें.
धर्म और विज्ञान के बीच फंसा ईरान
ईरान में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 139 हो चुकी है.
इसके साथ ही अब तक कोरोनावायरस के चलते 19 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों में ईरान के उप-स्वास्थ्य मंत्री इराज़ हरिची समेत एक ईरानी सांसद भी शामिल हैं.
बुधवार को ईरानी सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि कोरोनावायरस के मामले देश भर में पाए जा रहे हैं.
ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ईरानियों से कोरोनावायरस प्रभावित क्षेत्र में गैर-आवश्यक यात्रा से बचने को कहा है.
उन्होंने कहा, "किसी भी शहर या ज़िले में आवाजाही प्रतिबंधित करने की हमारी कोई योजना नहीं है. हम सिर्फ प्रभावित व्यक्तियों को अलग-थलग कर रहे थे. अगर किसी व्यक्ति में शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं तो उसे एकांत में रखा जाएगा."
लेकिन वायरस के तेज प्रसार के बाद भी ईरानी सरकार ने धार्मिक स्थानों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ईरान के इस फ़ैसले पर चिंता जताई है.
ईरान के मामले में विशेषज्ञ एक चिंता ये भी जता रहे हैं कि ईरान से कोरोनावायरस से जुड़ी जो जानकारी आ रही है, वो असल स्थिति को बयां नहीं करते हैं.
किंग्स कॉलेज लंदन में संक्रामक रोगों की विशेषज्ञ डॉ. नथाली मेकडॉरमेट बताती हैं, "चीन के बाहर कोरोनावायरस जहां - जहां फैल रहा है, उनमें ईरान का मामला सबसे ज़्यादा चिंताजनक है क्योंकि वहां से सटीक आंकड़े नहीं आ रहे हैं. संक्रमण के ज़्यादातर मामलों में संक्रमित लोग वृद्ध या मरणासन्न अवस्था में हैं. ऐसे में ये लगता है कि हमारे पास ईरान से जुड़ी काफ़ी कम जानकारी है. और जो जानकारी हमारे पास नहीं है उनमें संक्रमित लोग युवा हो सकते हैं. और ये भी संभव है कि वे पूरी तरह ठीक न हों."
ईरान में मौजूद बीबीसी संवाददाता राना रहीमपॉर ने कोरोनावायरस के संक्रमण से जुड़ी मौजूदा स्थिति को साझा किया है.
राना रहीमपॉर का विश्लेषण
ईरान में शहरों से हमें जो ख़बरें मिल रही हैं उनके मुताबिक़ कोरोनावायरस के मामले सरकारी आंकड़े से कहीं ज़्यादा हो सकते हैं.
ईरानी अधिकारियों ने कोरोनावायरस से प्रभावित इलाकों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है.
उनका कहना है कि ये प्रतिबंध पुराने दिनों की बात है और वे इन उपायों में भरोसा नहीं करते हैं.
ईरान के कोरोनावायरस प्रभावित शहर कुम और मशाद अभी भी खुले हुए हैं.
कुम में कई ग्रांड अयोतोल्लाह हैं जो कि ये मानते हैं कि ये एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां कई विदेशी छात्र रहते हैं और ये शिया समुदाय के गर्व के प्रतीक हैं.
इन धर्म गुरुओं के लिए इन धार्मिक स्थानों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना एक बड़ा कदम होगा.
और ये धर्मगुरु अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ने से पहले किसी भी स्थिति में ऐसा कदम नहीं उठाना चाहेंगे.
यहां हम धार्मिक संरक्षणवाद और विज्ञान के बीच सीधा टकराव देख सकते हैं.
अमरीका ने उठाए कदम
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उप राष्ट्रपति माइक पेंस के हाथ में कोरोनावायरस से निपटने की कमान सौंप दी है.
लेकिन यूरोपीय देश इटली से आने और जाने के लिए प्रतिबंधों को लगाने से इंकार कर दिया है.
ट्रंप ने कहा है, "हम इसके (कोरोनावायरस का सामना करने) लिए पूरी तरह तैयार हैं."
उन्होंने ये भी कहा कि अमरीका को आने वाले समय में दक्षिण कोरिया और इटली से आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने पड़ सकते हैं लेकिन अभी ऐसा करने का सही समय नहीं है.
अमरीका में कोरोनावायरस के 53 मामले सामने आए हैं. इनमें से 14 लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि अमरीका में हुई है. वहीं, 39 लोगों को दूसरे देशों से लाया गया है.
इटली समेत यूरोप में कैसे हैं हालात
इटली में बीते 24 घंटों के अंदर कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में 25 फीसदी वृद्धि हुई है.
इटली में सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में मिलान शहर का नज़दीकी क्षेत्र लोमबार्डी और वेनिस शहर का नज़दीकी क्षेत्र वेनिटो है.
कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
वहीं, सभी स्कूल, विश्वविद्यालय, सिनेमाघरों, सार्वजनिक आयोजनों और स्पोर्ट्स इवेंट्स को रद्द कर दिया गया है.
पचपन हज़ार लोगों की आबादी वाले 11 कस्बों में आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है.
इसी बीच इटली के आर्थिक मंदी में जाने से जुड़ी चिंताएं जताई जा रही हैं.
बीबीसी संवाददाता मार्क लॉवेन कहते हैं कि कोरोनावायरस के डर की वजह से ही मिलान की सड़कें और कैफे खाली पड़े हैं. और होटलों में बुकिंग रद्द की जा चुकी हैं.
लेकिन यूरोपीय स्वास्थ्य आयुक्त स्टेला क्यरिआकिदेस ने इटली के स्वास्थ्य मंत्री से मुलाक़ात के बाद कहा है, "ये चिंताजनक स्थिति है लेकिन हमें अपना आपा नहीं खोना चाहिए. इस वायरस के बारे में अभी भी काफ़ी बातें लोगों को पता नहीं हैं जिनमें इसके स्रोत और फैलने के ढंग आदि शामिल हैं."
वहीं, बीते दो दिनों में ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, ग्रीस, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, जिओर्जिया, ब्रिटेन, जर्मनी समेत उत्तरी मेसेडोनिया में लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
इसके साथ ही स्पेन और फ्रांस में भी कोरोनावायरस के मामले सामने आए हैं.
इनमें से कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने हाल ही में इटली की यात्रा की थी.
ब्रिटेन में अब तक 13 लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
पाकिस्तान पहुंचा कोरोनावायरस
एशियाई देशों में कोरोनावायरस पाकिस्तान तक पहुंच चुका है.
पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्री ज़फर मिर्ज़ा ने कहा है कि दोनों मरीज़ों की हालत स्थिर है.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक़, इनमें से एक मरीज़ ने हाल ही में ईरान की यात्रा की थी.
पाकिस्तान के पड़ोसी देश अफ़गानिस्तान में भी एक मामला सामने आया है.
इसके अलावा इराक़ में कई मामले सामने आए हैं.
इराक़ी सरकार ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए सार्वजनिक आयोजनों और लोगों के एकत्रित होने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
महामारी फैलने का ख़तरा
कोरोनावायरस के तेज प्रसार को देखते हुए कई विशेषज्ञ इसके एक पेनडेमिक बनने की आशंका जता रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन किसी बीमारी को पेनडेमिक तब घोषित करता है जब वह दुनिया के कई देशों और हिस्सों में अपने पैर पसारने लगे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक कोरोनावायरस को पेनडेमिक की संज्ञा नहीं दी है.
लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव ने कहा है कि चीन के बाहर कोरोनावायरस का प्रसार इस तरह से होना काफ़ी चिंताजनक है.
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े शीर्ष अधिकारी ब्रूस एयलवार्ड बीते दिनों दुनिया भर के देशों को चेतावनी देते हुए कहा चुके हैं कि वे तत्काल प्रभाव से खुद को कोरोनावायरस के और व्यापक प्रसार के लिए तैयार करें.